पैरों में कंपकपी और झनझनाहट से हैं परेशान?

 


आप किसी जरूरी मीटिंग में चुपचाप बैठे हुए हैं और दूसरों की बातों सुन रहे हैं कि अचानक आपके पैर कांपना शुरू हो जाते हैं। स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब आप सोने के लिए बिस्तर पर जाते हैं और आपको महसूस होता है कि आपके पैर गर्म हो गए और ऐसा महसूस होता है कि उनमें कोई चिकोटी मार रहा है, जिसके कारण आपको नींद नहीं आती। ये सभी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण हैं, जिसमें बिना किसी कारण के आपके पैरों में अनियंत्रित झनझनाहट होती है। इस साइलेंट स्थिति से दुनिया में करीब 15 फीसदी लोग परेशान हैं और ये किसी भी वक्त आपको परेशान कर सकती है। इस स्थिति में दवाएं आपका लंबे वक्त तक साथ दे सकती हैं लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे इस समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस लेख में जानिए कैसे।


मैग्निशियम की मात्रा को बढ़ाए


आपके पैरों में क्रेंप, चिकोटी होने और झनझनाहट के पीछे का एक कारण जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। लोग भले ही कैल्शियम की कमी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हों लेकिन जान लें कि यह एक बॉडीबिल्डिंग मिनरल है। बहुत से लोग मैग्निशियम की कमी से जूझते हैं  और हमें इस बात का पता तक नहीं होता है। मैग्निशियम भी हमारी हड्डियों को मजबूत व हेल्दी और मांसपेशियों को स्वस्थ बनाने के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी के कारण आपमें न चाहते हुए भी रेस्टलेस सिंड्रोम हो जाता है, जो आपको डरा सकता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप मैग्निशियम की मात्रा को बढ़ा दें और जरूरत पड़ने पर मैग्निशियम सप्लीमेंट लें।


इसके अलावा चूंकि मैग्निशियम एक प्राकृतिक आराम देने वाला मिनरल है ये हमें रेस्टलेस सिंड्रोम और दर्द से राहत देने में काफी मदद कर सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा सही मात्रा ही लें। जरूरत से ज्यादा मैग्निशियम का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।


गर्म या ठंडी गद्दी का प्रयोग करें


रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के कारण आपके पैर में तेज झनझनाहट या कंपकपी हो सकती है, जो आपके लिए आराम करने को मुश्किल बना सकती है। दर्द से राहत पाने के लिए आप प्रभावित हिस्से पर गर्म या ठंडी गद्दी का प्रयोग कर सकते हैं, जो पैरों में झनझनाहट या कंपकंपी, मांसपेशियों में मरोड़ जैसी समस्या, बैचेनी का कारण बनती है उन्हें कुछ देर में ही समाप्त करने का काम करती है। इसके अलावा ये मस्तिष्क को असहजता दूर कर नई सेंसेशन करने की इजाजत देता है। अगर आपके पास ये गद्दी नहीं नहीं है तो आप एक तौलिया ठंडे पानी या गर्म पानी में भिगोकर भी प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं और झनझनाहट को कम कर सकते हैं।


डेयरी उत्पादों और कैफीन से बनाएं दूरी 


रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण शाम और रात के वक्त अधिक दिखते हैं और डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ डायटरी चीजें इस स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं। इसलिए लक्षणों को कम करने और झनझनाहट व कंपकंपी को नियंत्रित करने के लिए कैफीन, डेयरी उत्पादों और शुगर जैसे फूड से दूरी बनाएं क्योंकि ये समस्या को और बिगाड़ने का काम करती हैं। इसके अलावा आप पोषण से भरी डाइट का पालन करें, जो प्राकृतिक रूप से बॉडी को आराम देगी।


भारी कंबल लेकर सोने की आदत डालें


पैरों की कंपकंपी और झनझनाहट को दूर करने का एक और मददगार तरीका है भारी कंबल और रजाई का प्रयोग, जो चिकोटी और नसों में कंपन को दूर करता है। हालांकि ये कोई ज्यादा अच्छा नुस्खा नहीं है लेकिन ये उत्तेजक रोधक और तनाव को कम करने के रूप में काम करता है। तनाव भी कहीं न कहीं रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है।